बाबा रामदेव भारत की राजनीति बदल देना चाहते हैं. वह सभी संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. पिछले बीस सालों में यह काम भाजपा भी नहीं कर पाई. उसके पास सभी संसदीय सीटों पर लड़ने वाले उम्मीदवार ही नहीं उपलब्ध हो पाए. बाबा रामदेव की पतंजलि योग पीठ में एक भी मंदिर नहीं है और न ही वह आज हिंदू धर्म को अपना ध्वज वाहक बना रहे हैं. उनका कहना है कि वह इंसानियत को मज़हब मानते हैं.
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