भारत में क्रिकेट की बादशाहत किस कदर छा गई है, इसका एक उदाहरण इंदौर के होल्कर स्टेडियम में सामने आया है। यहां फुटबॉल खिलाड़ियों से स्टेडियम की कुर्सियां साफ कराई जा रही हैं। गौरतलब है कि इसी स्टेडियम में इंडिया और वेस्ट इंडीज के बीच चौथा वनडे मैच 8 दिसंबर को खेला जाना है। उसी सिलसिले में स्टेडियम की साफ-सफाई की जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक आयोजकों ने साफ-सफाई के लिए इंदौर फुटबॉल लीग की टॉप टीम आनंद इलेवन की मदद ली है। इस क्लब के खिलाड़ी स्टेडियम की कुर्सियां साफ कर रहे हैं। एक कुर्सी की सफाई के 3 रुपए दिए जाएंगे।
टीम के कोच रामचंद्र चौहान ने बताया, 'हमने यह काम इसलिए स्वीकार कर लिया है कि इससे मिलने वाले पैसे से हम अपनी टीम के किट खरीद सकेंगे। हमारे क्लब के ज्यादातर खिलाड़ी गरीब परिवारों से हैं और वैसे भी अपना घर चलाने के लिए कुछ न कुछ काम करते ही हैं। ऐसे में इस मौके पर हम टीम की किट के लिए कुछ पैसे कमा लें तो क्या हर्ज?'
आनंद इलेवन को लीग चैंपियन बनने पर कुल 5000 रुपए का इनाम मिला था, जबकि वे यहां 30,000 कुर्सियां साफ कर उससे अधिक कमा लेंगे। वैसे इस टीम के सात खिलाड़ी कप्तान संजय निधान, मनोज खरे, रोहित गिरिजे, अंकित चिरवांडे, विपिन चिंतामणि, संजू चौहान और तेजकराम चौहान नैशनल लेवल के टूर्नामेंट्स में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, पर इनकी टीम के लिए कोई स्पॉन्सर सामने नहीं आता। नतीजा यह कि नैशनल लेवल के खिलाड़ी कुर्सियां साफ कर रहे हैं।
हालांकि मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के मीडिया मैनेजर अशोक कुमार ने ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया कि फुटबॉल खिलाड़ी कुर्सियां साफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह खबर गलत है कि हमने फुटबॉलर को इस तरह का कोई काम दिया है।
भारतीय फुटबॉल संघ के सचिव लोकेन्द्र वर्मा ने कहा, 'हम इस मामले की जांच करेंगे। अगर यह खबर सही है तो बेहद शर्मनाक है। हम यह व्यवस्था भी करेंगे कि भविष्य में ऐसा न हो।'
मिली जानकारी के मुताबिक आयोजकों ने साफ-सफाई के लिए इंदौर फुटबॉल लीग की टॉप टीम आनंद इलेवन की मदद ली है। इस क्लब के खिलाड़ी स्टेडियम की कुर्सियां साफ कर रहे हैं। एक कुर्सी की सफाई के 3 रुपए दिए जाएंगे।
टीम के कोच रामचंद्र चौहान ने बताया, 'हमने यह काम इसलिए स्वीकार कर लिया है कि इससे मिलने वाले पैसे से हम अपनी टीम के किट खरीद सकेंगे। हमारे क्लब के ज्यादातर खिलाड़ी गरीब परिवारों से हैं और वैसे भी अपना घर चलाने के लिए कुछ न कुछ काम करते ही हैं। ऐसे में इस मौके पर हम टीम की किट के लिए कुछ पैसे कमा लें तो क्या हर्ज?'
आनंद इलेवन को लीग चैंपियन बनने पर कुल 5000 रुपए का इनाम मिला था, जबकि वे यहां 30,000 कुर्सियां साफ कर उससे अधिक कमा लेंगे। वैसे इस टीम के सात खिलाड़ी कप्तान संजय निधान, मनोज खरे, रोहित गिरिजे, अंकित चिरवांडे, विपिन चिंतामणि, संजू चौहान और तेजकराम चौहान नैशनल लेवल के टूर्नामेंट्स में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, पर इनकी टीम के लिए कोई स्पॉन्सर सामने नहीं आता। नतीजा यह कि नैशनल लेवल के खिलाड़ी कुर्सियां साफ कर रहे हैं।
हालांकि मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के मीडिया मैनेजर अशोक कुमार ने ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया कि फुटबॉल खिलाड़ी कुर्सियां साफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह खबर गलत है कि हमने फुटबॉलर को इस तरह का कोई काम दिया है।
भारतीय फुटबॉल संघ के सचिव लोकेन्द्र वर्मा ने कहा, 'हम इस मामले की जांच करेंगे। अगर यह खबर सही है तो बेहद शर्मनाक है। हम यह व्यवस्था भी करेंगे कि भविष्य में ऐसा न हो।'
courtesay Navbharat Times
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