वर्षो से सीबीआई पर आरोप लगते है, की सीबीआई एक निष्पक्स जांच संस्था नहीं, मेरा भी ऐसा ही मानना है, क्योंकि सभी सतारूढ़ दल हमेशा सीबीआई को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते है. सीबीआई देश और जनता के लिए नहीं सिर्फ सतारूढ़ पार्टियों के लिए है.
एक समाचारपत्र ने सीबीआई के बारे में ऑनलाइन सर्वे किया, लोगों की क्या राय है, आप भी पढ़ें .
rahulrao bijwal
जाँच एजेंसियों पर राजनीतिक दबाव से इनकार नहीं किया जा सकता, इसलिये वे कब दबाव में काम कर रही हैं अथवा कब दबाव होने का झूठा आरोप लग रहा है? बड़ा मुश्किल सवाल है.-राहुल राव बिजवल,मंदसौर.
$$$ Rajasthani
सीबीआई की निष्पक्षता पर उठने वाले सवाल राजनीति से प्रेरित होते हैं अथवा वास्तविक.....श्रीमान् जी, बहस के इस बिन्दू का उतर गुजरात प्रदेश के ''ग़ह राज्य-मंत्री'' महोदय श्री अमित शाह को न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद आपको मिल गया ना । केन्द्र सरकार ने औछी राजनीति का उदाहरण पेश करते हुऐ राजनीतिक विरोधीयों के दमन के लिये अपनी शातीर अंगुलीयों के ईशारों पर कठपुतली (सीबीआई) को नचाते हुऐ विरोधी दल के शाह को अभियुक्त बना ''शह और मात'' का घिनौना खेल खेला है अगर एक उप अधीक्षक स्तर का अधिकारी यह कबूल करे की गैंगस्टर सोहराबुद्दीन की पत्नी कौसरबी की हत्या अमित शाह के कहने पर हमारे द्वारा की गयी......तो फिर केन्द्र सरकार के अधीन सीबीआई नामक संस्था के अधिकारी केन्द्र सरकार के कहने या दबाब में अमित शाह को दफा 302 का मुल्जीम भी नही बना सकते.....अगर अधिकारी राजनेताओं के कहने पर हत्या जैसा जघन्य अपराध कर सकते हैं तो किसी भी मामले में निरपराध को आरोपी आरोपित करना तो इनके लिये छोटा सा काम है ।
sanjay motekar
//सीबीआई की निष्पक्षता ! खासकर राजनैतिक मामलों में केंद्र सरकार के इशारों पर काम करती है अत: इसकी जाँच को हमेशा निष्पक्ष नहीं माना जा सकता ! आज जिस सन्दर्भ में बात की जा रही है हमें उसमें वास्तविकता नजर आती है इसका परिणाम दोनों को भुगताना पड़ सकता है///
Vijay Tiwari
वर्तमान राजनीति में यह नही कह सकते कि सीबीआई राजनीति से प्रेरित नहीं है लेकिन आज जब जिस सन्दर्भ में बात की जा रही है हमें उसमें वास्तविकता नजर आती है . इसका परिणाम सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को भुगताना पड़ सकता है
सीबीआई इताल्वी मम्मी के हाथो नाच रही है, क्योकि मम्मी जानती है कि बबलू कि ताज पौशी मै सबसे बडी रुकावट शेर नरेन्द्र मोदी है.
$$$ Rajasthani
अरे भाई Mahesh, विदेशी भेड का मेमना (बब्लु) शादी कर घर चलाने से डर रहा, फिर ये देश चला देगा क्या, यह मेमना (बब्लु)....शेर (नरेन्द्र मोदी) का ही शिकार बनेगा । मेमने की मां कितने शनिवार टालेगी भैया, उसका तो एक शनिवार को कडाही में चढना तय है । $$$ Rajasthani InDo-pak LoC SGNR Raj.
माणक नाहर, बड़ौद
सीबीआई की निष्पक्षता पर सवाल हमेशा से उठते आए है ! खासकर राजनैतिक मामलों में सीबीआई केंद्र सरकार के इशारों पर काम करती है अत: इसकी जाँच को हमेशा निष्पक्ष नहीं माना जा सकता ! इसलिये सीबीआई की निष्पक्षता पर उठने वाले सवाल वास्तविक अधिक और राजनीतिक कम होते है !
ram katre
वास्तविक कम और राजनीति से प्रेरित अधिक होते है.
c.b.i. की छवि केंद्र सरकार के पुछल्ले के समान है, साथ ही अन्य बुराईया भी मौजूद है. उसे निष्पक्ष व बेदाग मानना एक मजाक ही होगा. इन परिस्थितियों में सीबीआई द्वारा जो भी कार्रवाई की जाती है उस पर आँख मूँद कर भरोसा नहीं किया जा सकता. उसकी दागदार छवि का फायदा आरोपियों को मिलता है और वे जोर शोर से स्वयम को झूठा फँसाने.की बात कहते है.
$$$ Rajasthani
बहुत बहुत धन्यवाद, लीला मेम, सही व सटीक विवेचना एवं विचार ।.....c.b.i. को केंद्र सरकार के पुछल्ले के समान नही उसकी कठपुतली बोलो नां.......आरोपियों को लाभ......अ..जी नहीं, c.b.i. तो (गैंगस्टर सोहराबुद्दीन) जैसों को शहीद का दर्जा दिलवाने को प्रयासरत है ।
mayank
जो सीबीआई कल तक राजीव गाँधी के खिलाफ केस चलाती थी आज उसे clean chit दे चुकी है. सीबीआई स्वतंत्र नही है ये तो बस प्रधानमंत्री karyalaya के इशारों पे चलने वाली संस्था है.
भारतीय ब्यूरोक्रेसी रिमोटधारी (सता-पक्ष) के ईशारों पर चलती है.....सोहराबुद्दीन कोई संत था क्या....बदमाश था मारा गया । कांग्रेस वालों को सोहराबुद्दीन चाहिये, अव्वल तो आपकी पार्टी में ही मिल जायेगा....नहीं तो... लालू - मुलायम - नीतीश यादव वाले दलों से इम्पोर्ट कर लो,.......अरे कांग्रेस वालों आपको मोदी के नाम का हायड्रोफोबीया हो गया है क्या, अरे मोदी मर्द है मर्द...आपकी तरह ताली बजाने वालों की जमात का आदमी नही है, आपने केन्द्र में 1 साल का शासन 10 दलों को दामाद की तरह सेवा करके पूर्ण किया है जिसमें देश का विकास तो क्या विनाश किया है '' महंगाई '' सम्पूर्ण खां '' का रूप धर कर आपके कांग्रेस वंश का विनाश किये जा रही है दूसरी तरफ माननीय नरेन्द्र मोदी जी है जिन्हे गुजरात की जनता ने पुन सता सौपी है आप गुजरात का विकास देख्ा लो...मोदी जी से राष्ट्र-भक्ति जन-सेवा, त्याग व ईमानदारी का पाठ पढ लो, देश की 40 करोड जनता पेट के गांठ लगा कर भूखे सोने को मजबूर है, सोच लो देश के अगले प्रधान-मंत्री मोदी जी ही होंगे...और आप होंगे...सोहराबुद्दीन...ये ही सी.बी.आई. होगी ।
मोदी है भारत मां का लाल, जिसने किया गुजरात को निहाल ।... नरेन्द्र मोदी है शेर, नहीं लगाता सोहराबुद्दीनों के शिकार में देर ।।......... राजनीतिज्ञों में मोदी एक मर्द, जिसने समझा जनता का दुख-दर्द ।।....कांग्रेसी हिजडों का एक ही काम, इटली मैया का करो गुण-गान ।....माता मेक-अप कर 10 जन-पथ से बाहर आये, हो अंटेंशन सैल्युट लगाये ।....माता अंग्रेजी में इनको गाली दे जाय, फिर भी ये ताली बजाये ।। जब ही तो ये खुसरे कहलाये......इनको शर्म न आये.........खुसरे कहलाये......शर्म ना आये ।...... वन्दे मातरम....जय हिन्द.....जय भारत ..........(एस.एस.एस. राजस्थानी इण्डो-पाक एल.ओ.सी. श्रीगंगानगरराजस्थान)
ankit
हर सत्ताधारी दल सी बी आई का अपने फयदे के लिए इस्तेमाल करता है , इसमें कुछ तो सच्चाई होगी /
केंद्र द्वारा ये सारे हथकंडे कहीं गुजरात के मुख्यामंत्री नरेन्द्र मोदी की देशभर में बढ़ती ख्याति को कमजोर करने के लिए तो नहीं उठाये जा रहे हैं ? वैसे भी न तो राजनीतिज्ञ दुग्ध के धुले हुवे है और न ही सरकारी एजंसिया. कहीं न कहीं कुछ साफ़-नियत जरूर गड़बड़ी लगती है इस मामले में.
$$$ Rajasthani
सही....कांग्रेस को मोदी के सधि विच्छेदन "मो + दी" ( मो = मोत....दी = दीखाई ) दे रही है हर व्यक्ति अपनी मौत को टालने का प्रयास करता है कांग्रेस वाले भी अपनी राजनीतिक मौत से बचने को हाथ पांव मार रहे है कोई सोनीया चालीसा पढ रहा है, कोई माया अष्ठमी का पाठ कर रहा है कोई शरद बाबा - लालू नाथ का जाप किये जा रहे है रहे सहे मुलायम मुनि की शरण में जाकर अपने बुरे चल रहे ग्रहों को मुलायम करवाने हेतु प्रयासरत है । भाजपा अगर अपनी और से प्रधान-मंत्री के रूप में मोदी जी का नाम की घोषणा कर दे तो.......वह दिन दूर नहीं जब भारत सोने की चीडिया कहलायेगा नहीं बन भी जायेगा ।
Mahesh Nenava
गंदी राजनीति के इस युग में हम यह नही कह सकते कि सीबीआई राजनीति से निष्प्रभावी है. सत्ता का दबाव उस पर जरूर ही जाता होगा. जिसका परिणाम सत्ता के पक्ष को मज़बूत करता है और विपक्ष को कमजोर.
UrmilaRathiSarangpur
यदि देश की सर्वोच्च जाँच एजेन्सी पर भी जनता और राजनीतिज्ञों को भरोसा नहीं है,तो ये देश राम भरोसे ही चल रहा है. खुदा हाफिज़ .
आजादी के बाद से कुछ दशकों तक तो राजनीतिक दल फिर वो चाहे सत्ता में हों या विपक्ष में सिर्फ़ और सिर्फ़ जनता की सेवा में ही लगे रहते थे और निष्पक्ष रुप से काम करते थे. परन्तु पिछले दो-तीन दशकों से तो सत्ताधारी विपक्षियो की और विपक्ष सत्ताधारियों की ही बखिया उधेडने में लगा रहता है हर तरह के सरकरी पावर का मिस-यूज करके. उसे जनता के कामो से उन्हें कोई लेना-देना नहीं रहता आज-कल.
सी बी आई की सभी कार्यवाहियों को निष्पक्ष नहीं कहा जा सकता है. वो हमेशा से केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के इशारों पर काम करती रहीं है. वर्तमान सोहराबुद्दीन प्रकरण में उसकी अति सक्रियता संदेह उत्पन्न करती है.
JAGJIT SINGH YADAV
if the minister has not done any wrong thing why mr. modi should be worried. otherwise mr. modi has no any personal attahcment no any "lalach" (greedy) towards the cm post. really he is dynimic man on this universe.
आजादी के बाद से कुछ दशकों तक तो राजनीतिक दल फिर वो चाहे सत्ता में हों या विपक्ष में सिर्फ़ और सिर्फ़ जनता की सेवा में ही लगे रहते थे और निष्पक्ष रुप से काम करते थे. परन्तु पिछले दो-तीन दशकों से तो सत्ताधारी विपक्षियो की और विपक्ष सत्ताधारियों की ही बखिया उधेडने में लगा रहता है. जनता के कामो से उन्हें कोई लेना-देना नहीं.
$$$ Rajasthani
Shakuntala बहनां बखिया उधेडने में काहे न,....ये तो चमडी उधेडने में लगे है बे-वजह किसी को 302 में आरोपित किया जाना जिसमे म़त्यु-दण्ड का प्रावधान हो न्याय संगत नही कहा जा सकता, केन्द्र सरकार के पास राज्य सरकारों पर दबाब रखने के लिये 1. राज्यपाल और 2. सी.बी;आई. नामक रामबाण है ।
Devendra Nenava
सीबीआई की निष्पक्षता पर उठने वाले सवाल वास्तव में पूर्ण रुप से राजनीति से ही प्रेरित होते है. क्योंकि राजनीति सर्वपरि है फिर चाहे सवाल-जवाब सत्तापक्ष से उठे हों या विपक्ष से.
सीबीआई ने आज तक कितने ही नेताओं कि खिलाफ प्रकरण दर्ज किए हो , सजा कितने को हुई . इसको आधार बनाकर प्रश्न का उत्तर खोजे तो यही पता चलाता है कि सीबीआई पक्षपात पूर्ण कार्य करती है या निष्पक्ष. दीपक हलवे इंदौर
$$$ Rajasthani
अरे यार खुल-कर लिखो ना, सरकार के खिलाफ लिखने से जेल ही भेजेगें, भेजने दो इस महंगाई में बाहर तो पेट भरता नहीं, जेल में कम से कम दोनों समय भर-पेट खाना तो नसीब होगा । deepak भैया हम तो बार्डर पर बैठे है कोई कांग्रेसी सोहराबुद्दीन मारेगा इससे अच्छा तो जेल जाना ही ठीक है वहां जीवन तो सुरक्षित रहेगा ही रहेगा, साथ में दोनो समय भर पेट भोजन भी तो मिलेगा । $$$ Rajasthani InDo-pak LOC SGNR Raj.
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