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Monday, May 2, 2011

0 'शर्म करो नेताओं, अमेरिका से कुछ तो सीखो'

9/11 के हमले का आरोपी, दुनिया के सबसे खुंखार आतंकी को सबसे ताकतवर देश ने मार गिराया। ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में अमेरिकी हमले में मारा गया। आज अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा ने इस बात की पुष्टि की। अमेरिका अरबों डॉलर खर्च करके अपने देश के हजारों नागिरकों के हत्यारे को अंत तक सजा दे कर ही माना।

इसके लिए अमेरिका ने दस साल से अभियान चला रखा था। ओसामा के मारे से अमेरिका में जश्न का माहौल है। अब सवाल यह उठ रहा है कि हमारे देश की सर्वोच्च संस्था और लोकतंत्र के मंदिर पर आतंकी हमला करने का दोषी अफजल गुरू और 26/11 मुंबई हमले के दोषी कसाब को सजा देने में हमारी सरकार इतनी पीछे क्यों? इन खबरों पर पाठकों की प्रतिक्रिया आई। इनमें दिल्ली से स्वेता सिंह कहती हैं कि शर्म करो नेताओं अमेरिका से कुछ तो सीखो।

Courtesy-danikbhaskar

Thursday, February 3, 2011

0 भारत और चीन के बीच मध्यस्थतता करना चाहता है अमेरिका

अमेरिका उस बन्दर की तरह है जो दो बिल्लियों की रोटी की लिए लड़ाई को सुलझाने तो आता है, पर उनकी रोटी खुद खा जाता है |अमेरिका सभी देशो के बीच में दखलंदाज़ी करके अपनी स्वार्थ पूर्ति करता है., तथा उनकी सारी जानकारी एकत्रित करता है | और फिर उसके बाद अपना खुद के फायेदे के लिए राजनीतिक जमीन तैयार करता है | आज सारी दुनिया  भारत को एशिया की महाशक्ति के रूप में देखते है, तो क्या हम अपने निर्णय खुद नहीं ले सकते | परन्तु अमेरिका और दुसरे पश्चिमी देशो को भारत की सबसे बड़ी कमजोरी पता चल गयी है की यहाँ के नेता भ्रष्टाचारी, स्वार्थी और बेईमान है, और सिर्फ बातें करते हैंकाम करना तो उन्हें आता नहीं| और खुद के स्वार्थ के लिए देश को बेच भी सकते हैं, इनके पास कोई राजनितिक इच्छाशक्ति नहीं हैबस इसी वजह से देश बर्बाद हो रहा है |
क्या अब वक्त नहीं आ गया हैऐसे नेताओं को सबक सिखाने का ! हम ऐसे नेताओं को संसद मैं चुन कर भेजे जिनके अंदर देश भक्ति का जज्बा होअपराधी छवि न हो, भरष्टाचार और किसी दुसरे क़ानूनी मुकदमे मैं न फसा हो.  जो सही मायनो मैं देश सेवा करना चाहता होन की इस देश को लूटना | १२० करोड़ आबादी वाले देश के नेता ऐसे हो सकते है? अभी भी वक्त है जागने का |

Saturday, November 6, 2010

1 हमारे देश में हमारे नेताओं से पहचान पत्र मांग रहा है अमरीका

एक ओर जहां भारत अमरीका के राष्ट्रपति ओबामा की यात्रा की तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है वहीं दूसरी और अमरीका भी हेकड़ी दिखाने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहता।

मुंबई में ओबामा के कार्यक्रम के लिए भेजे गए न्यौतों में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक च्वहाण समेत शिरकत करने वाले नेताओं से पहचान पत्र (जन्म प्रमाण पत्र सहित) साथ लाने के लिए कहा गया है। अमरीकी अधिकारियों के इस रुख के बाद महाराष्ट्र के नेताओं में काफी गुस्सा है और कुछ ने तो ओबामा के कार्यक्रम में शिरकत न करने का मन बना लिया है।

मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल भी अमरीका के न्यौते की शर्तों से नाराज हैं और कार्यक्रम में शिरकत न करने का मन बना रहा है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री और गृह सचिव पहले ही कार्यक्रम में न जाने की बात कह चुके हैं।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते अमरीका कौंसिल जनलर पॉल फोल्म्सबी ने चव्हाण, भुजबल, गृहमंत्री आरआर पाटिल, मुख्य सचिव जेपी दांगे, अतिरिक्त मुख्य सचिव चंद्रा इयंगर और प्रोटोकाल सचिव सुमित मुल्लिक को 6 नवंबर को होटल ताज में ओबामा के कार्यक्रम का न्यौता भेजा था। न्यौते में इन सबसे कहा गया था कि उन्हें गेट पर अपने पहचान पत्र दिखाने पड़ेंगे।

साथ ही अपने जन्म प्रमाण पत्र की एक कॉपी आदी लाने के लिए कहा गया था। पत्र में लिखा था कि 6 नवंबर को राष्ट्रपति ओबामा 26/11 के हमले की याद में एक भाषण देंगे। आप सब सादर आमंत्रित हैं। कृप्या सुरक्षा कारणों से अपने पहचान पत्र साथ लाएं। अमरीका के इस रवैये के बाद से ही महाराष्ट्र के नेताओं में नाराजगी थी।

Source: Dainik Bhaskar Agency 

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Thursday, November 4, 2010

0 ओबामा की यात्रा कामयाब नहीं होगी!!!

 "मुझे् भरोसा नहीं है कि बराक ओबामा वही सोच रखते हैं, जो जॉर्ज बुश रखते थे। वे चीन और पाकिस्तान के बीच सांठगांठ को स्वीकार करते हैं। उस दृष्टि से देखा जाए तो भारत की स्थिति कमजोर हुई है। मुझे नहीं लगता ओबामा की भारत यात्रा सफल होगी।'"

बृजेश मिश्र, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
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