एक ओर जहां भारत अमरीका के राष्ट्रपति ओबामा की यात्रा की तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है वहीं दूसरी और अमरीका भी हेकड़ी दिखाने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहता।
मुंबई में ओबामा के कार्यक्रम के लिए भेजे गए न्यौतों में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक च्वहाण समेत शिरकत करने वाले नेताओं से पहचान पत्र (जन्म प्रमाण पत्र सहित) साथ लाने के लिए कहा गया है। अमरीकी अधिकारियों के इस रुख के बाद महाराष्ट्र के नेताओं में काफी गुस्सा है और कुछ ने तो ओबामा के कार्यक्रम में शिरकत न करने का मन बना लिया है।
मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल भी अमरीका के न्यौते की शर्तों से नाराज हैं और कार्यक्रम में शिरकत न करने का मन बना रहा है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री और गृह सचिव पहले ही कार्यक्रम में न जाने की बात कह चुके हैं।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते अमरीका कौंसिल जनलर पॉल फोल्म्सबी ने चव्हाण, भुजबल, गृहमंत्री आरआर पाटिल, मुख्य सचिव जेपी दांगे, अतिरिक्त मुख्य सचिव चंद्रा इयंगर और प्रोटोकाल सचिव सुमित मुल्लिक को 6 नवंबर को होटल ताज में ओबामा के कार्यक्रम का न्यौता भेजा था। न्यौते में इन सबसे कहा गया था कि उन्हें गेट पर अपने पहचान पत्र दिखाने पड़ेंगे।
साथ ही अपने जन्म प्रमाण पत्र की एक कॉपी आदी लाने के लिए कहा गया था। पत्र में लिखा था कि 6 नवंबर को राष्ट्रपति ओबामा 26/11 के हमले की याद में एक भाषण देंगे। आप सब सादर आमंत्रित हैं। कृप्या सुरक्षा कारणों से अपने पहचान पत्र साथ लाएं। अमरीका के इस रवैये के बाद से ही महाराष्ट्र के नेताओं में नाराजगी थी।
Source: Dainik Bhaskar Agency
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इसमें क्या बुराई है. वे अपनी सुरक्षा के प्रति चिन्तित हैं.इसी सोच के चलते अमेरिका में ९/११ के बाद कोई भीषण हमला नहीं हुआ.. वे हमारी तरह लापरवाह नहीं हैं.. हमें उनसे सीख लेने की आवश्यकता है..
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