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Tuesday, August 17, 2010

0 रात जेल में और दिन वेश्यालय में!

कहते हैं चोर चोरी से जाए, हेराफेरी से ना जाए। सच है, अगर दिमाग में अपराध जड़ जमाए हो, तो क्या हो सकता है? ब्रिटेन में इसका एक अनोखा मामला सामने आया है। भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने जेल में रहकर आपराधिक गतिविधि चलाने का एक विचित्र तरीका निकाल लिया।

समाचार पत्र 'द एक्सप्रेस' के अनुसार रशपाल सिंह को सेंधमारी के लिए छह साल की सजा मिली थी। उसने दो साल पूरी तरह से जेल में बिताए। इसके बाद उसे जमानत मिल गई कि वह सुबह साढे पांच बजे से रात नौ बजे तक जेल से बाहर समय बिता सकता है। लेकिन पता चला कि यह व्यक्ति दिन में जेल से बाहर जाकर वेश्यालय चलाता था।

जेल के कर्मचारी समझते थे कि रशपाल टायर दुरस्त करने का काम करता है, लेकिन कहीं इसका प्रमाण नहीं मिला। बाद में एक दिन शिकायत मिली कि रशपाल के घर में बड़ी संख्या में लड़कियां मौजूद हैं।

खबर पाकर पुलिस ने वहां छापा मारा, तब कहीं जाकर उसे रशपाल के धंधे के बारे में पता चला। बहरहाल रशपाल को वेश्यालय चलाने का दोषी पाया गया और अदालत ने इस गुरुवार को उसे और दो वर्ष जेल में बिताने की सजा सुनाई।

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