मैं ने अभी-अभी जेड एडम्स की किताब गांधी : नेकेड एंबिशन (क्वेर्कस बुक्स से प्रकाशित) पढ़कर खत्म की है। मैं यह स्वीकार करता हूं कि जब यह किताब मेरी पढ़ने की मेज पर आई थी, तब इसमें मेरी तनिक भी दिलचस्पी नहीं थी। गांधी के बारे में ऐसा क्या है, जो हम पहले से नहीं जानते? गांधी ने जो कुछ भी कहा है, वह सब महात्मा गांधी की संकलित रचनाएं सैकड़ों जीवनियों और उनकी आत्मकथा के दो भागों में उपलब्ध है। ज्यादा-से-ज्यादा यह गांधीजी के बारे में लेखक के निजी विचार हो सकते हैं, लेकिन उसके लिए भी लेखक को मजबूरन गांधी पर पहले से प्रकाशित सामग्री पर ही निर्भर होना पड़ेगा। जिसने मुझे यह किताब पढ़ने के लिए प्रेरित किया, वह था इस किताब का उपशीषर्क - नेकेड एंबिशन।
यह शीर्षक जानबूझकर ध्यान आकर्षित करने वाला था। वैसी ही उकसाने वाली थी किताब की भूमिका, जिसमें लेखक ने महात्मा के कुछ वक्तव्यों में मौजूद अंतर्विरोधों की ओर ध्यान खींचा था। उसके बाद तो जब तक मैं किताब के आखिरी पन्ने तक नहीं पहुंच गया, रुका नहीं। मैंने महसूस किया कि इस किताब का लेखक इतिहासकार और जीवनीकार होने के साथ-साथ टेलीविजन प्रोडच्यूसर भी है। वह पाठकों की रुचि को पकड़ना और बनाए रखना जानता है। इसलिए किताब में महात्मा की कुछ अनूठी और विशिष्ट आदतों, भोजन को लेकर उनके प्रयोगों, आंतों और पाचन क्रिया को लेकर उनकी सनक और उनके सेक्स जीवन के बारे में जरूरत से ज्यादा विस्तार के साथ लिखा गया है।
आजीवन उनका सिर्फ एक ही स्त्री के साथ दैहिक संबंध था और वह थी उनकी निरक्षर पत्नी कस्तूरबा। लेकिन वह कई युवा स्त्रियों के प्रति आकर्षित थे। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की भतीजी सरलादेवी चौधरानी, जिनका एक पंजाबी पुरुष के साथ विवाह हुआ था, के बारे में लेखक ने लिखा है कि वह महात्मा गांधी की आध्यात्मिक पत्नी थीं। और भी कई स्त्रियां थीं, जैसे मेडेलिन स्लेड (मीराबेन)। सुशीला नायर, आभा और मणि गांधी। गांधी ब्रrाचर्य परीक्षण के लिए निर्वस्त्र स्त्रियों के साथ सोते थे। गांधी के बहुत से प्रशंसक उनके इस आचरण की आलोचना करते थे और उनके सामने भी यह बातें कहते थे। गांधी यह कहकर खुद को उचित ठहराते थे कि यह अपनी वासनाओं और विकारों पर विजय पाने की तलाश में किया गया एक प्रयोग था।
काठियावाड़ में गांधी के बचपन के दिनों से लेकर इंग्लैंड में बैरिस्टर बनने के दौरान बिताए तीन वर्ष, अफ्रीका का लंबा प्रवास, जहां उन्हें गोरों और यहां तक कि अपने ही देशभाइयों की बहुत सी प्रताड़नाओं व अपमान का शिकार होना पड़ा, जहां सत्याग्रह के विचार को एक स्पष्टता मिली। फिर भारत लौटने के बाद महात्मा के रूप में उनकी ख्याति हुई और उन्होंने हिंदुस्तान की आजादी का मार्ग प्रशस्त किया। इन सब घटनाओं के बारे में लिखते हुए एडम्स ने अपनी मौजूद सामग्री का बहुत बुद्धिमत्ता और कौशल के साथ इस्तेमाल किया है और पाठकों की रुचि बनाए रखने में सफल हुए हैं। मैंने अब तक जो भी किताबें पढ़ी हैं, गांधी के जीवन के बारे में प्रारंभिक जानकारियां प्राप्त करने के लिए यह सबसे बेहतरीन किताब है। हालांकि पहले मुझे आशंका थी, लेकिन यह किताब गांधी की आलोचना नहीं करती। एडम्स एक गांधी भक्त के रूप में उभरते हैं।
मोहनदास करमचंद गांधी कठोर पति और अपने चारों बच्चों के लिए कड़े पिता थे। लेकिन इसके बावजूद वे महात्मा थे। एक महान आत्मा, जो मानवता के इतिहास में एक महानतम व्यक्ति के रूप में आने वाली संतानों के लिए अपना नाम छोड़ गए।
यह शीर्षक जानबूझकर ध्यान आकर्षित करने वाला था। वैसी ही उकसाने वाली थी किताब की भूमिका, जिसमें लेखक ने महात्मा के कुछ वक्तव्यों में मौजूद अंतर्विरोधों की ओर ध्यान खींचा था। उसके बाद तो जब तक मैं किताब के आखिरी पन्ने तक नहीं पहुंच गया, रुका नहीं। मैंने महसूस किया कि इस किताब का लेखक इतिहासकार और जीवनीकार होने के साथ-साथ टेलीविजन प्रोडच्यूसर भी है। वह पाठकों की रुचि को पकड़ना और बनाए रखना जानता है। इसलिए किताब में महात्मा की कुछ अनूठी और विशिष्ट आदतों, भोजन को लेकर उनके प्रयोगों, आंतों और पाचन क्रिया को लेकर उनकी सनक और उनके सेक्स जीवन के बारे में जरूरत से ज्यादा विस्तार के साथ लिखा गया है।
आजीवन उनका सिर्फ एक ही स्त्री के साथ दैहिक संबंध था और वह थी उनकी निरक्षर पत्नी कस्तूरबा। लेकिन वह कई युवा स्त्रियों के प्रति आकर्षित थे। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की भतीजी सरलादेवी चौधरानी, जिनका एक पंजाबी पुरुष के साथ विवाह हुआ था, के बारे में लेखक ने लिखा है कि वह महात्मा गांधी की आध्यात्मिक पत्नी थीं। और भी कई स्त्रियां थीं, जैसे मेडेलिन स्लेड (मीराबेन)। सुशीला नायर, आभा और मणि गांधी। गांधी ब्रrाचर्य परीक्षण के लिए निर्वस्त्र स्त्रियों के साथ सोते थे। गांधी के बहुत से प्रशंसक उनके इस आचरण की आलोचना करते थे और उनके सामने भी यह बातें कहते थे। गांधी यह कहकर खुद को उचित ठहराते थे कि यह अपनी वासनाओं और विकारों पर विजय पाने की तलाश में किया गया एक प्रयोग था।
काठियावाड़ में गांधी के बचपन के दिनों से लेकर इंग्लैंड में बैरिस्टर बनने के दौरान बिताए तीन वर्ष, अफ्रीका का लंबा प्रवास, जहां उन्हें गोरों और यहां तक कि अपने ही देशभाइयों की बहुत सी प्रताड़नाओं व अपमान का शिकार होना पड़ा, जहां सत्याग्रह के विचार को एक स्पष्टता मिली। फिर भारत लौटने के बाद महात्मा के रूप में उनकी ख्याति हुई और उन्होंने हिंदुस्तान की आजादी का मार्ग प्रशस्त किया। इन सब घटनाओं के बारे में लिखते हुए एडम्स ने अपनी मौजूद सामग्री का बहुत बुद्धिमत्ता और कौशल के साथ इस्तेमाल किया है और पाठकों की रुचि बनाए रखने में सफल हुए हैं। मैंने अब तक जो भी किताबें पढ़ी हैं, गांधी के जीवन के बारे में प्रारंभिक जानकारियां प्राप्त करने के लिए यह सबसे बेहतरीन किताब है। हालांकि पहले मुझे आशंका थी, लेकिन यह किताब गांधी की आलोचना नहीं करती। एडम्स एक गांधी भक्त के रूप में उभरते हैं।
मोहनदास करमचंद गांधी कठोर पति और अपने चारों बच्चों के लिए कड़े पिता थे। लेकिन इसके बावजूद वे महात्मा थे। एक महान आत्मा, जो मानवता के इतिहास में एक महानतम व्यक्ति के रूप में आने वाली संतानों के लिए अपना नाम छोड़ गए।
खुशवंत सिंह
लेखक वरिष्ठ स्तंभकार हैं
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