कई बार हम अपने जीवन मैं निर्णय/प्रस्ताव (Resolutions ) बनाते है| और संकल्प करते है, कि उसे पूरा करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कई बार हम कसमें खा कर भी अपना प्रण पूरा नहीं कर पाते, कयोंकि हमारा स्वाभाव ही खुद के लिए जिम्मेदार है। कभी कभी कड़े प्रण लेकर भी हम उसमें खुद के लिए छूट/रियायत भी तय कर लेते हैं, एक बार प्रण टूटा तो फिर जल्द ही हम पुराने र्ढे पर लौट आते हैं।
Post a Comment
अपनी बहुमूल्य टिपण्णी देना न भूले- धन्यवाद!!