Fact of life!

एवरीथिंग इज प्री-रिटन’ इन लाईफ़ (जिन्दगी मे सब कुछ पह्ले से ही तय होता है)।
Everything is Pre-written in Life..
Change Text Size
+ + + + +

Wednesday, November 9, 2011

1 वर्ल्ड कप विजेता महिला खिलाड़ियों का पहले होटल और फिर सड़क पर 'अपमान'!


लुधियाना. एक ही दिन बीता और महिला खिलाड़ियों की बदहाली की हकीकत सामने आ गई। कबड्डी वर्ल्ड कप के दूसरे दिन ही सरकार का रवैया पूरी तरह बदल गया। वर्ल्ड कप की आखिरी शाम रविवार को 30 हजार दर्शकों के बीच दमखम दिखा रहीं विश्व विजेता महिला खिलाड़ी दूसरे दिन सड़क पर ऑटो के लिए भटकती रहीं। इससे पहले जो हुआ वह भी दुखद था, जिस होटल भी ये लड़कियां ठहरी थीं उसके बिल को लेकर भी दो घंटे तक विवाद रहा। पैसे चुकाने को आश्वासन मिलने के बाद ही उन्हें होटल से जाने दिया गया।


पहले पेमेंट करें, फिर चेक-आउट 
होटल पार्क प्लाजा में रह रहीं टीमें जब सोमवार को 12 बजे घर वापसी के लिए चेक-आउट करने लगी तो होटल मैनेजमेंट ने खिलाड़ियों के पेमेंट को लेकर अड़ंगा डाल दिया। होटल वालों की मानें, तो खिलाड़ियों ने होटल के अंदर से खाने- पीने की चीजें उपयोग की हैं, जिसके लिए उन्हें एक्सट्रा पेमेंट करना है। 

टीम के नाम लगभग 22 हजार का एक्सट्रा पेमेंट निकला। ऐसे में कोच व होटल कर्मी के बीच एक्सट्रा पेमेंट को लेकर बवाल खड़ा हो गया। काफी देर बाद होटल मैनेजमेंट को पेमेंट का आश्वासन दिए जाने पर भारतीय टीम को 2 घंटे बाद चेक-आउट करने को मिला। 

पंजाब के स्पोर्ट्स डायरेक्टर परगट सिंह ने कहा कि आयोजन समिति की ओर से पूरी व्यवस्था की गई थी। खिलाड़ियों और टीम मैनेजर्स को बड़े-बड़े होटलों में ठहराया गया। आने-जाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की गई। यह टीम मैनेजर्स की जिम्मेदारी थी। टीम मैनेजर्स ने जो हमसे मांगा, हमने उन्हें दिया। अगर घर वापसी के लिए भी कहते तो यह भी व्यवस्था कर दी जाती।

हाथों पर वर्ल्ड कप ट्राफी लेकर ऑटो से निकली टीम इंडिया 
होटल से चेक-आउट करने के बाद विश्व विजेता भारतीय महिला टीम के लिए घर वापसी की समस्या खड़ी हो गई। आयोजन समिति ने इन खिलाड़ियों के लिए न तो कोई बस की व्यवस्था की और न ही गाड़ी की। ऐसे में खिलाड़ी हाथों में वर्ल्ड कप का ताज और 25 लाख रुपए का सिंबॉलिक चेक लेकर कोच जसकरन के साथ पैदल ही सड़क की ओर निकल पड़े। 

होटल से निकलते ही खिलाड़ियों को देखकर आने-जाने वाले भी लोग हैरान रह गए। भाई बाला चौक पहुंचते ही कुछ ट्रैफिक पुलिस कर्मी खिलाड़ियों की ऐसी स्थिति देखकर उनके पास पहुंच गए। बातचीत के दौरान ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने यह तक कह डाला कि हमारे लिए कोई सेवा हो तो बताएं। आप हमारे देश की शान हो। इसी बीच एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी ने ऑटो रोका और कोच व खिलाड़ियों को बैठाकर बस स्टैंड के लिए अलविदा कहा। 

3 दिन एक ही ड्रेस में गुजारे
बठिंडा में हुए भयानक हादसे के बाद महिला टीम के पास एक ही ट्रैक सूट बचा। उस हादसे में खिलाड़ियों के सारे कपड़े, पैसे और जरूरी सामान जलकर खाक हो गए थे। हालांकि बठिंडा के डीसी ने एक अफसर को खिलाड़ियों के साथ बाजार भी भेजा, लेकिन खिलाड़ी हादसे से इतने घबराए और सहमे हुए थे, कि केवल एक ट्रैक सूट खरीद कर ले आई। और वही एक ट्रैक सूट तीन दिनों तक पहनती रहीं। केवल यही नहीं, इस बीच प्रत्येक खिलाड़ी को दस हजार देने का एलान भी किया गया था। बावजूद इसके खिलाड़ियों के हाथों कुछ नहीं लगा और पैसे न होने की वजह से खिलाड़ियों के घर वापसी की समस्या खड़ी हो गई।

महिला खिलाड़ियों ने पहली बार कबड्डी वल्र्ड कप में भाग लिया है। प्रोत्साहन राशि के तौर 25 लाख का इनाम दिया गया है। कबड्डी में बढ़ते उत्साह को देखते हुए महिलाओं की टीम को शामिल किया गया था। इसे पुरुषों व महिलाओं के बीच भेदभाव नहीं कहना चाहिए।

- परगट सिंह, स्पोर्ट्स डायरेक्टर, पंजाब

1 comment:

  1. यहाँ बात केवल महिलाओं की नहीं हमारे देश में हर एक खेल के खिलाड़ियों का यही हाल है सिवाय क्रिकेट छोड़कर....अच्छे से अच्छा प्रदर्शन करने पर भी उन्हें वो सुविधायन नहीं मिल पाती जिसके वो हकदार हैं।
    बढ़िया आलेख.... समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
    http://mhare-anubhav.blogspot.com/2011/11/blog-post_20.html

    ReplyDelete

अपनी बहुमूल्य टिपण्णी देना न भूले- धन्यवाद!!