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Sunday, June 5, 2011

0 बाबा रामदेव के गायब होने पर सिलेब्रिटीज ने सरकार को कोसा

नई दिल्ली।। बाबा रामदेव के आंदोलन को पुलिस ने रातों-रात कुचल दिया और उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज की। इस घटना पर सिलेब्रिटीज भी हैरान हैं और उन्होंने ट्वीट के जरिए सरकार की भरपूर आलोचना की है।
अनुपम खेर रामलीला मैदान में पुलिस जिस तरह से लोगों के साथ बर्ताव कर रही है, वह शर्मनाक है। यह अन्यायपूर्ण और अलोकतांत्रिक है।
चेतन भगत: इस बात से भौंचक्का हूं कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वाले लोगों पर सरकार ने पुलिस का इस्तेमाल तब किया जब वे सो रहे थे। लोकतांत्रिक देश रात के एक बजे आंसू-गैस के गोले नहीं छोड़ते। यह समय भयावह है।
शेखर कपूर: रामलीला मैदान में चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन को सरकार ने सबसे बुरे हिंसक तरीके से कुचलने की कोशिश की है। उम्मीद है कि बाबा रामदेव के समर्थकों को यह अहसास होगा कि सरकार की हिंसा का सबसे तगड़ा जवाब शांतिपूर्ण प्रदर्शन है। अब वक्त इस सवाल को पूछने का है कि क्या सिस्टम लोगों के लिए काम करता है या फिर उस सरकार के लिए जो लोगों की उम्मीदों का प्रतिनिधित्व नहीं करती। पुलिस के ऐसा करने के पीछे क्या तर्क है? क्या यह फासिस्ट देश है? सांसदों ने संविधान के मुताबिक काम करने की सारी शपथ तोड़ दी हैं और इस तरह से देशद्रोह का काम किया है। उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भूमि-अधिग्रहण में जो कुछ हुआ, वही दिल्ली के रामलीला मैदान में हो रहा है। अपनी इस एक वाहियात हरकत से सरकार ने लोगों को यह संदेश दिया है कि अब शांतिपूर्ण प्रदर्शन से काम नहीं चलने वाला। सरकार ने लोगों को हिंसात्मक रवैया अपनाने के लिए उकसाया है।
विवेक ओबेरॉय: प्रदर्शन कर रहे मासूम बच्चों, महिलाओं और लोगों पर पुलिस आंसू-गैस के गोले छोड़ रही है। यह बहुत भयानक है। क्या दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इस तरह से बर्ताव करना चाहिए? मैं यह सब देख कर बहुत अपसेट हो गया हूं। हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। गांधीजी की अहिंसा का क्या हुआ?

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