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अपने अजीबोगरीब कारनामों के लिए देशभर में नाम कमाने वाली हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को ऐसा कारनामा कर दिखाया जिसकी कल्पना कोई भी आधुनिक सुरक्षा बल शायद ही कर पाए। यह केवल हरियाणा पुलिस ही कर सकती है कि वह किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की बजाय आम राहगीर को एस्कार्ट करने लगे और असली मेहमान सड़क पर खड़ा होकर आम राहगीर की तरह अपने गंतव्य स्थल का रास्ता पूछते रहे।
आप चौंकेंगे अवश्य लेकिन हकीकत यही है। शुक्रवार को रोहतक में आयोजित एक समारोह में भाग लेने जा रहे मॉरीशस के राष्ट्रपति अनिरूद्ध जगन्नाथ व उनकी पत्नी के साथ यही हुआ और वे बहादुरगढ़ के गजराज होटल के सामने बिना किसी पायलट, एस्कार्ट या सुरक्षा के आम राहगीर की तरह रोहतक का रास्ता पूछते रहे। घटना दोपहर 12 बजे की है।
जगन्नाथ अपनी पत्नी के साथ पूर्व निर्धारित योजना के मुताबिक दिल्ली से रोहतक के रास्ते में थे। राष्ट्राध्यक्ष की यात्रा को देखते हुए बहादुरगढ़ पुलिस ने टीकरी बार्डर पर उनकी आगवानी के लिए प्रोटोकाल के तहत बाकायदा पायलट, एस्कार्ट, एम्बुलेंस, क्रेन व स्ट्राइकिंग वाहन तैनात कर दिए। हरियाणा पुलिस को राष्ट्रपति के साथ चल रही दिल्ली पुलिस की एस्कार्ट से सूचना भी मिली कि महामहीम ने नांगलोई पार कर ली है।
एकबारगी तो राज्य पुलिस के आगवानी दस्ते ने राष्ट्रपति की टैक्सी नंबर की मर्सिडिज कार (नंबर डीएल 1 जेड़ 2166) को रिसीव करते हुए उसके आगे चलना शुरू भी कर दिया लेकिन एकाएक यह दस्ता गलतफहमी का शिकार होकर राष्ट्रपति के काफिले से हट गया। फिर क्या था करीब दो किलोमीटर चलने के बाद राष्ट्रपति की कार व उनके साथ चल रही स्पेयर इनोवा बहादुरगढ़ के गजराज होटल के सामने खड़ी हो गई ताकि आगे का रास्ता पता कर सके।
इसी दौरान हरियाणा पुलिस को दिल्ली पुलिस की एस्कार्ट से मिली सूचना के बाद अपनी गलती का एहसास हुआ और अफरातफरी में राष्ट्रपति के काफिले को ढूंढने का सिलसिला शुरू हुआ। राष्ट्रपति गजराज होटल के सामने कार समेत सड़क पर खड़े रहे और उनके लिए बार्डर पर तैनात एस्कार्ट जिप्सी राजमार्ग पर उन्हें रास्ते में ही छोड़कर ढूंढ़ते हुए आगे बढ़ गई। इसी दौरान रोहतक का रास्ता पता करने के बाद राष्ट्रपति की दो कारों का छोटा काफिला भी निकल पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक, जब जगन्नाथ की कार आसौदा गांव के समीप पंहुच गई तब कहीं 20 मिनट बाद जाकर पुलिस के आगवानी दल को इसका पता लगा और किसी तरह उनके काफिले को रोहतक जिले की सीमा पर स्थानीय पुलिस को सौंपा गया। राष्ट्रपति जैसी हस्ती के साथ हुई इस सुरक्षा संबंधी चूक को लेकर झज्जर पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है। मामले पर लीपापोती करने के लिए विभाग के छोटे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। एक विदेशी राष्ट्रपति के साथ हुई इस अभूतपूर्व रक्षा चूक ने आधुनिक संचार व त्वरित कार्रवाई के जरिए सेवा, सुरक्षा व सहयोग के राज्य पुलिस के दावों की पोल भी इस घटना ने खोल कर रख दी है।
Courtesy : dainik bhaskar अपनी बहुमूल्य टिपण्णी देना न भूले- धन्यवाद .
अजी मारीशस के राष्ट्रपति तो अपने ही है, और अपनों की कैसी रखवाली ..................... यह तो गोरी चमड़ी वाले देशों के अधिकार है ...................आखिर राज किया है उन्होंने हम पर
ReplyDeleteBap Re Bap itni badi bewakufi
ReplyDeleteसारे जहां से अच्छा...
ReplyDeleteज्यादातर बेबकूफों को ही आज पुलिस की नौकरी दी जाती है.....जबकि पुलिस की नौकरी बेहद सामाजिक और उच्च चरित्र के साथ साथ बुद्धिमानों के लिए आरक्षित होना चाहिए था........शर्मनाक है इस देश की पुलिसिया व्यवस्था......
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