हर रोज नए नए रेल हादसे लगता है ममता दीदी को रेल मंत्री नहीं पश्चिम बंगाल का मुख्य मंत्री बनना है, गौरतलब है कि पिछले 15 महीने में 11 रेल हादसे हो चुके हैं। 15 महीनों में हुए रेल हादसों में करीब 250 लोग मारे जा चुके हैं। इससे लगता है, ममता बनर्जी के अंदर रेल मंत्रालय चलाने की न क्षमता है न इच्छा। पता नहीं ममता दीदी ने स्टेशन भी देखा है की नहीं, इसी हफ्ते वहां भगदड़ मची जिसमें कुचलकर एक महिला और एक बच्ची की मौत हो गई। पर क्या फर्क पड़ता है, ऐसे देश में, जहां हर रोज सैकड़ों लोग हादसों का शिकार होते हैं।
मैंने तो आज तक यही पढ़ा था, की दीदी एक झुझारू नेता है, पर अब लगता है, की कुर्सी के लिय अपने सभी सिधांत भुला दिए| और इसके साथ ही लालू , नितीश और बीजेपी ने भी अपनी ब्यान बाजी शुरू कर दी, परन्तु कांग्रेस अभी भी मोन है, केसे दीदी से पीछा छुडाये, क्योंकि की बहुमत का सवाल है.
सियासी गणित है भाई...
ReplyDeleteआप का लेख बहुत अच्छा है बधाई !
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रोज एक हादसा होता है हम दो दिन बाते करते है और भूल जाते है अगले हादसे तक .... क्या इसके लिए सिर्फ एक मंत्री ही जबाबदार है... कही हम भी तो बहुत बाते भूल नहीं रहे है ..क्या हम बहुमत नहीं है ...