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Saturday, July 3, 2010

0 Presidents of India

किताबों में पढाया जाता है कि 'राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के हाथ की कठपुतली होता है". यह वाक्य एकदम गलत भी नहीं है लेकिन इस पद की गरिमा को कम करता है. भारत का राष्ट्रपति देश का सवैंधानिक प्रमुख और प्रथम नागरिक होता है और समस्त राजकाज उनके नाम से चलता है. 


भारत के राष्ट्रपतियों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य: 

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्हें यह सौभाग्य दो बार प्राप्त हुआ. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति भी थे. वे तीसरी बार भी राष्ट्रपति बन जाते यदि उन्हें पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का साथ मिला होता.

·         राष्ट्रपति पद के लिए सबसे कठीन चुनाव 1969 में हुआ था. तब इंदिरा गांधी समर्थित उम्मीदवार वी.वी. गिरी ने कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार को काफी कम अंतर से हराया था. यहाँ तक कि इस चुनाव में दूसरी पसंद के मतों को भी ध्यान में लेना पड़ा.
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·         लेकिन नीलम संजीव रेड्डी को ऐसी किसी तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ा. 1977 में नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध राष्ट्रपति चुन लिए गए थे. उस समय जनता पार्टी के हाथों चारों खाने चित्त कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार ही खड़ा नहीं किया.
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·         1987 का राष्ट्रपति चुनाव सबसे अधिक रोचक था. कांग्रेस समर्थित आर. वेंकट रमन के अलावा न्यायमूर्ति कृष्णा अय्यर और मिथिलेश कुमार भी मैदान में थे.
·         आर. वेंकटरमन के नाम सर्वाधिक प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का रिकार्ड है. उन्होनें अपने कार्यकाल के दौरान राजीव गांधी, वी.पी. सिंह, चन्द्रशेखर और पी.वी. नरसिम्हराव के साथ काम किया. अंतिम तीन को तो शपथ भी उन्होनें ही दिलवाई.
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·         ज्ञानी जैल सिहं ने यह कहकर कि वे इंदिरा गांधी के कहने पर झाड़ु भी लगा सकते हैं, इस पद की गरिमा को ठेस पहुँचाई.
·         प्रतिभा पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनी
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