Fact of life!

एवरीथिंग इज प्री-रिटन’ इन लाईफ़ (जिन्दगी मे सब कुछ पह्ले से ही तय होता है)।
Everything is Pre-written in Life..
Change Text Size
+ + + + +
Showing posts with label Big Boss. Show all posts
Showing posts with label Big Boss. Show all posts

Wednesday, January 12, 2011

0 फिक्‍स था बिग बॉस का महामुकाबला!

श्वेता तिवारी के बिग बॉस सीजन चार जीतने के बाद एडमॉल के बिग बॉस - बिगर तमाशा का अंत हुआ। श्वेता के हिस्से एक करोड़ रुपए आए और बाकी बचे लोग जो बिग बॉस के घर का हिस्सा बने थे, उन्हें भी पहचान और पैसा मिला। एक प्रतिभागी ने कैमरे के सामने स्वीकार किया। पहले जो लोग मिलने को भी तैयार नहीं थे, बिग बॉस में आने के बाद पहचानने लगे हैं। भाव देते हैं। इस रियलिटी शो को देखने के दौरान इसकी रियलिटी पर हो सकता है कि कोई सवाल ना उठाए लेकिन शो में शामिल घर वालों को घर से अंदर बाहर करने में दर्शकों का रोल कहीं नजर नहीं आया। बिग बॉस के घर से किसे निकालना है, इसका रिमोट दर्शकों के हाथ में नहीं बल्कि कार्यक्रम के प्रबंधकों के हाथ में था। वरना श्वेता तिवारी के नाम की घोषणा के साथ बिग बॉस को इस बात का भी ऐलान करना चाहिए कि यदि श्वेता ग्रेट खली के मुकाबले विजयी हुईं हैं तो उसकी जीत के लिए तय पैमाने क्या थे? यदि उन्हें दर्शकों ने अपने वोट से जिताया है तो दर्शकों को यह जानने का पूरा हक है कि उनकी चहेती श्वेता तिवारी कितने मतों से विजयी हुई हैं। दूसरी तरफ खली ग्रेट के प्रशंसकों को भी यह जानने का पूरा हक है कि यदि उनके प्रिय खली नहीं जीते तो इसके पीछे उनसे कहां चूक हुई? लेकिन बिग बॉस ने इसकी परवाह नहीं की।
बिग बॉस के पास तो इस सवाल का जवाब भी नहीं होगा कि जब घर के अंदर बाहर की खबर नहीं जा रही थी तो डॉली बिन्द्रा ने कैसे जाना कि बाहर सारा का तलाक हो चुका है? चूंकि बिन्द्रा एक एपिसोड में यह कहती हुई मिलीं कि सारा तो दूसरी शादी की तैयारी कर रही है। इस संदेह से इनकार नहीं किया जा सकता कि आने से पहले क्लोडिया, प्रवेश राणा, वगैरह-वगैरह को पता हो कि उन्हें किन-किन एपिसोड में बाहर होना है। डॉली बिन्द्रा जब कार्यक्रम से बाहर हो गईं उन्हें पता हो कि उन्हें फिर कार्यक्रम में वापस आना है। बिग बॉस में डॉली बिन्द्रा की भूमिका को देखकर कोई भी समझ सकता है कि वह कार्यक्रम में एक तय एजेन्डे के साथ शामिल हुईं थीं। वह लगातार कार्यक्रम में अपने हंगामें का तड़का लगा रही थीं। कोई भी कह सकता था कि बिग बॉस की तरफ से उन्हें विश्वास पत्र मिला हुआ है कि अन्तिम चार तक कोई उनका बाल भी बांका नहीं कर सकता। और इस बात में भी शक की गुंजाइश कम ही थी कि बिग बॉस में वे टॉप फोर से आगे जाएंगी।
इस कार्यक्रम में ग्रेट खली की जगह श्वेता तिवारी की जीत में सटोरियों की भूमिका का भी संदेह होता है। कोई नहीं सोच सकता था कि इस मुकाबले में ग्रेट खली की हार होगी! एक समाचार चैनल के अनुसार सट्टा बाजार में बड़ी रकम खली के नाम पर लग रही थी। ऐसे में करोड़ों रुपयों के खेल में श्वेता तिवारी के नाम एक करोड़ कर देना घाटे का सौदा तो नहीं लगता? इन्हीं बातों से संदेह होता है कि श्वेता की जीत बिग बॉस फिक्सिंग का हिस्सा तो नहीं। बकौल श्वेता उसने भी नहीं सोचा था कि वह बिग बॉस सीजन चार में जीत हासिल करेंगी। यदि श्वेता की जीत वाजिब  थी तो बिग बॉस को श्वेता की जीत कैसे सुनिश्चित हुई, इस प्रक्रिया के खुलासे में पारदर्शिता बरतनी चाहिए।टेलीविजन मनोरंजन का कारोबार करोड़ों का है, लेकिन जिन दर्शकों से यह बाजार बनता है, यूं लगता है मानो वे ही इस पूरे आयोजन में हासिश पर डाल दिए गए हैं।
Courtesy लेखक आशीष कुमार अंशु B4M