Fact of life!

एवरीथिंग इज प्री-रिटन’ इन लाईफ़ (जिन्दगी मे सब कुछ पह्ले से ही तय होता है)।
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Friday, June 18, 2010

0 चाणक्य सूत्र


सा बन्धुर्योऽनुबंघाति हितऽर्ये वा हितादरः।
अनुरक्तं विरक्त वा तन्मिंत्रमुपकारि यत्।।


भावार्थ-वही बंधु है जो हमारे उद्देश्य की पूर्ति में सहायक होने के साथ आदर करने वाला हो। अनुरक्त हो या विरक्त पर उपकार आवश्यक करे वही सच्चा बंधु है।

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