आज लगभग देश के 23 राज्य और 220 से ज्यादा जिले नक्सली हिंसा की चपेट में है| कह सकते है, लगभग आधे देश पर माओवादियों का कब्जा हो चुका है। इसके बावजूद जिस तरह से देश की शासन व्यवस्था चल रही है, वह काफी तकलीफदेह है।
नक्सलियों से लड़ाई में सरकार और राज्य सरकारों की अपनी जो कमजोरी है, वह तो है ही, परन्तु बाहरी ताकतों का दखल भी परेशानी बढाने वाला है। नक्सलियों को नेपाल और चीन जैसे पड़ोसियों से धन और हथियारों की मदद मिलती है। यह सरकार को भी पता है. अगर केंदर और राज्य सरकारों का यही रवैया रहा तो, एक दिन देश हाथ से निकल जायेगा
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