Fact of life!

एवरीथिंग इज प्री-रिटन’ इन लाईफ़ (जिन्दगी मे सब कुछ पह्ले से ही तय होता है)।
Everything is Pre-written in Life..
Change Text Size
+ + + + +

Wednesday, November 17, 2010

3 टाटा रिश्वतखोर मंत्री का नाम क्यों नहीं खोलते !

 देहरादून में एक कार्यक्रम में टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा- ''वर्षों पहले मुझसे एक केंद्रीय मंत्री ने करोड़ों रुपये रिश्‍वत मांगी थी. तब टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइंस के सहयोग से घरेलू एयरलाइंस स्‍थापित करने में जुटा था. एयरलाइन इंडस्‍ट्री में सबसे आगे रहने के बावजूद टाटा ग्रुप को यह परियोजना शुरू करने में काफी मुश्किलें पेश आ रही थीं. इस बात को मीडिया ने उठाया. तब हमने तीन प्रधानमंत्रियों से मुलाकात की लेकिन किसी ने हमारी कोशिशों को बढ़ावा नहीं दिया. बाद में एक उद्योगपति ने आकर मुझसे कहा कि तुम बेवकूफ हो, केंद्रीय मंत्री 15 करोड़ रुपये की रिश्‍वत मांग रहा है, उसे क्‍यों नहीं दे देते, काम हो जाएगा. लेकिन मैं रिश्‍वत नहीं देना चाहता था और मैंने ऐसा ही किया. 10-12 साल पहले हुई इस घटना के बाद एयरलाइंस खोलने का मेरा सपना अधूरा ही रह गया.''

रतन टाटा ने केंद्रीय मंत्री के नाम का खुलासा तो नहीं किया लेकिन इतना जरूर कहा कि देश में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती है. रतन टाटा उत्‍तराखंड के गठन के 10 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित '21वीं सदी में भारत-अवसर और चुनौतियां' विषय पर बोलने के बाद लोगों के सवालों का जवाब दे रहे थे. रतन टाटा के खुलासे पर कई मीडिया विश्लेषकों का कहना है कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा खुद रतन टाटा जैसे लोग दे रहे हैं जो रिश्वत मांगने वालों के नाम का खुलासा नहीं करते और अपनी कंपनियों के काम कराने को अफसरों-मंत्रियों को पटाने के लिए अपनी कंपनियों में बाकायाद एक अलग विभाग बनाकर रखते हैं और कई बाहरी एजेंसियों की सेवाएं लेते हैं. पिछले दिनों कुख्यात दलाल नीरा राडिया को लेकर जो चर्चाएं शुरू हुईं उसमें यह भी पता चला था कि टाटा समूह टेलीकाम मिनिस्टर अपनी पसंद का आदमी चाहता था. तो क्या ये भ्रष्टाचार नहीं है कि अपनी कंपनी को फायदा दिलाने के लिए अपनी पसंद के नेता को मंत्री बनवाने के लिए लाबिंग की जाए.  Source : B4M
अपनी बहुमूल्य टिपण्णी देना न भूले- धन्यवाद .

3 comments:

  1. सब कुछ गडबड घोटाला है जी जिसे कुछ नही मिला वही सच्चा है। अब तो भ्रष्टाचार पर कुछ कहने का मन नही होता। वैसे देखा जाये तो भ्रषटाचार के जन्मदाता ये टाटे बिरले ही हैं। आभार।

    ReplyDelete
  2. वो भी आ जायेगा जल्दी ही !

    ReplyDelete
  3. अमां कौशिक जी ,
    टाटा जी ने सही किया यार ! बता भी देते उस मंत्री को कौन सा हमने फ़ांसी पर चढा देना था उलटे वे खुद और उनके चमचे आगे भी टाटा जी की मुश्किलें ही बढाते

    ReplyDelete

अपनी बहुमूल्य टिपण्णी देना न भूले- धन्यवाद!!